मोह घोर कही अनकही वीतराग कुछ तो कहना था कहूँ जो भी लाजवाब कहूँ वक़्त हँसा कहूँ मैं कैसे? nirbhaya metoo क्या क्या कहूं छुपाउं कब न जाने क्या हो जाए

Hindi क्या कहूँ क्या न कहूँ Poems